Friday, February 5, 2016

....& Quietly flowed the Great rivers thru the Gangetic Delta.......

....बारिश  लगभग  ख़त्म  .... सही मायने  मैं ड्राई  सीजन  शुरू हैं अभी  .... आज  छुट्टी  का दिन हैं...कम्पलीट  unwind ..... कल से फिर चाभी  जो  भरना  हैं..... कई नदी हैं वहां  ..... पद्मा , मेघना , सीतालखः , अड़ियल खान , कुमार   ..... गंजे टिक  डेल्टा।  बरिसाल  डिवीज़न 
और फरीदपुर  सब  डिवीज़न  बांग्लादेश। .... दादाजी  बरिसाल और दादी फरीदपुर। ...... नदियों  का जिला। .... दादाजी का १९०४ का  सर्टिफिकेट  से पता चला उनका स्कूल १८८२ ब्रजमोहन अकादमी बरिसाल। ..... अभी भी  हैं , और नामी। ..... फ्रीडम फाइटर ,  स्कॉलर  ,पॉलिटिशियन 
 पोएट  की एक बिशाल  लिस्ट। .... अभी  कॉलेज यूनिवर्सिटी  का स्टेटस प्राप्त हैं। ...... अब तो  मन नहीं लग रहा हैं , जाने की हड़बड़ी हैं.....हो सकता हैं इस जुलाई मैं। ... हराभरा...... लबालब पानी भरा नदियां, खाल , बिल, .....टूरिज्म के लिए  शायद ठीक नहीं  पर जड़ को छूने के लिए तो   जरूर......अब इनलोगों को ,समझाना हैं ,क्योंकि यह  मेरी  requirement हैं.... अब समय आ गया हैं कई उफान भरी नदियां पार  करने की, अपनी आँखों  से जी भर के देखने  और  छूने  की , शायद पुनर्जीबित  होने  की। .... कलम और स्याही को नयी जान देने की.... 

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A Sea & Lord Hanuman in between .....

  Shubho NaboBorsho greetings  to  all !!! There  is  festivity  in  the  air  ...the  brisk  walk  back to home  post  Clinic tells it all....